कैप्टन की तरह मोदी सरकार की कठपुतली बने मुख्यमंत्री चन्नी- हरपाल सिंह चीमा
कैप्टन की तरह मोदी सरकार की कठपुतली बने मुख्यमंत्री चन्नी- हरपाल सिंह चीमा
-कहा, प्रदेश में कमजोर सरकार के कारण केंद्र ने बदले की भावना के साथ पैदा की पंजाब में डीएपी खाद की किल्लत
-पंजाब की किसानी को मिल-जुलकर खत्म करने लगी केंद्र और पंजाब की सरकारें- `आप'
चंडीगढ़, 10 नवंबर
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने प्रदेश में डीएपी खाद के गहराए संकट के लिए सत्ताधारी कांग्रेस को भी केंद्र की मोदी सरकार जितना जिम्मेदार ठहराया है।
पार्टी मुख्यालय से बुधवार को जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी (केंद्र) मोदी सरकार की कठपुतली बन चुके हैं। अपनी असंख्य कमजोरियों के कारण काफी कमजोर साबित हुई चन्नी सरकार के कारण मोदी सरकार पंजाब के किसानों के खिलाफ रंजिश निकालने की हिम्मत कर रही है, क्योंकि पंजाब के किसान कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के अन्नदाता की अगुवाई कर रहा है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यदि पंजाब के अधिकारों और किसानों के हक पर सीधा हमला कर रही केंद्र सरकार पर चन्नी सरकार का थोड़ा-बहुत भी दबाव होता तो मोदी सरकार डीएपी खाद की सप्लाई में पंजाब के साथ इस हद तक पक्षपात नहीं करती। चीमा ने बताया कि गेहूं की बुवाई शिखर पर है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को अभी तक खाद का सिर्फ 41 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त हुआ है, जबकि कुल 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई के लिए अभी भी 3.50 लाख टन डीएपी खाद की कमी है।
केंद्र द्वारा किए गए पक्षपात पर चन्नी सरकार द्वारा हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने की निंदा करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए जो मुख्यमंत्री हर दूसरे दिन `दिल्ली दरबार' हाजिरी भरते रहे, वह डीएपी खाद की किल्लत को दूर कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और संबंधित केंद्रीय मंत्रियों को क्यों नहीं मिले? चीमा ने कहा कि मोदी सरकार जिस तरह पंजाब और पंजाब के किसानों, मजदूरों और व्यापारियों-कारोबारियों के खिलाफ बदले की भावना के साथ घातक फैसले ले रही है, उससे बेहतर होता कि चन्नी सरकार मोदी दरबार के सामने धरना लगाकर बैठ जाती, क्योंकि जहां पंजाब को डीएपी खाद की कुल आवश्यकता की महज 41 प्रतिशत अलॉटमेंट की गई है, वहीं हरियाणा को 89 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश 170 प्रतिशत और राजस्थान को 88 प्रतिशत डीएपी खाद की पूर्ति की जा चुकी है।
हरपाल सिंह चीमा ने चन्नी सरकार को घेरते हुए कहा कि डीएपी खाद की किल्लत के कारण कालाबाजारी शिखर पर है, जिस कारण डीएपी खाद का थैला दोगुने दाम (1200 रुपये थैला) पर बिक रहा है और किसानों से अंधी लूट हो रही है लेकिन चन्नी सरकार अभी भी सोई पड़ी है। चीमा ने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी डीएपी खाद की किल्लत दूर करवाने के लिए मोदी सरकार के पास जाकर दबाव नहीं बनाते तो `आप' मुख्यमंत्री चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोलेगी।